Tuesday, September 17, 2019

वो ड्रिंक जिसे पीते ही मुंह और जीभ हो जाती है 'सुन्न'

वानुआतु की राजधानी पोर्ट विला में मिलने वाली कावा ड्रिंक लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. जहां एक ओर लोग इससे सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता कर रहें हैं, वहीं कहा जा रहा है कि इसके बहुत से आर्थिक मायने भी हो सकते हैं.
वानुआतु की राजधानी पोर्ट विला में यह एक नम दोपहरी का समय है. वानुआतु प्रशांत महासागर के सैकड़ों मील में बिखरा हुआ एक द्वीप राष्ट्र है.
पोर्ट विला के एक बार में नी-वानुआतु समूह की एक महिला एक छोटे से प्लास्टिक के बाउल में मटमैले रंग का एक पेय पदार्थ (ड्रिंक) निकालती है. इस ड्रिंक को कावा कहते हैं. इसे कावा नाम के एक पौधे की जड़ को पीसकर पानी के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है.
कावा के बारे में दुनियाभर में जाने-माने विशेषज्ञ डॉ. विंसेंट लेबॉट ने कहा, 'आपको इसे एक ही बार में पूरा पीना होगा. इसे पीते ही आपका मुंह और ज़बान सुन्न से होने लगेंगे.' जब उनसे पूछा गया कि उसके बाद क्या होगा तो वे हंसकर बोले, 'ज़्यादा कुछ नहीं.'
डॉ. विंसेंट मूल रूप से फ्रांस के रहने वाले हैं लेकिन अब दशकों से वह वानुआतु में रहते हैं.
दिलचस्प है कि बार के सामने वाले गेट के ठीक ऊपर एक लाइट लगी हुई है और अगर लाइट जल रही है तो इसका मतलब है कि बार में कावा है और जब दिनभर का सीमित स्टॉक ख़त्म हो जाता है, तो यह लाइट बंद हो जाती है.
इस बार को लास्ट फ्लाइट भी कहा जाता है. यह देश के मुख्य हवाई अड्डे के ठीक पीछे बना हुआ है. यह बार कामकाजी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है क्योंकि इसमें किसी बहुत ही शांत बियर गार्डेन जैसा वातावरण रहता है.
इस बार में कोई और शराब नहीं मिलती है सिर्फ़ और सिर्फ़ कावा ही मिलता है. इसे पीनेवाले या इसका समर्थन करने वालों का कहना है कि इसे पीने से बैचैनी कम होती है और ये नींद न आने की परेशानी में भी मदद करती है. यह भी कहा जाता है कि इसे पीने से हल्के से उत्साह का अनुभव भी किया जा सकता है. वहीं इसके आलोचकों का कहना है कि यह बेहद ख़तरनाक है और यूरोपीय संघ में प्रतिबंधित भी है.
डॉ. लेबॉट बताते हैं, "कावा पूरे पैसिफिक में बहुत ही लोकप्रिय है और साथ ही इसे पवित्र भी माना गया है. पारंपरिक रूप से वानुआतु में चीफ या प्रमुख स्थानीय मामलों की चर्चा करते हुए इसे पीया करते थे. इसे नारियल के खोल में पिए जाने की परंपरा थी."
वो बताते हैं, "चीफ़ इसे पीते थे ताकि वो अपने पूर्वजों के साथ बातचीत कर सकें."
लेकिन हाल ही में इसका इस्तेमाल काफ़ी बढ़ गया है. वानुआतु में अब ज़्यादातर परिवार भी कावा से परिचित हैं और इसे अपने घरों के बाहर उगाते भी हैं. हालांकि कभी महिलाओं के लिए इसे पीना मना था लेकिन आज के समय में राजधानी पोर्ट विला में यह बहुत आम हो गयी है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ महिलाएं अभी भी इससे परहेज़ करती हैं.
डॉ. लेबॉट उम्मीद कर रहे हैं कि यह ड्रिंक दुनियाभर में लोकप्रिय हो सकती है और वानूआतू को आर्थिक रूप में भी मदद कर सकती है.
कावा के निर्यात की पहले की भी कोशिश की गई है लेकिन यह योजना के अनुसार नहीं हो सकी. डॉ. लेबॉट बताते हैं कि कावा को अब यूरोपीय संघ में प्रतिबंधित कर दिया गया है. कुछ समय तक सप्लीमेंट के रूप में लोकप्रिय होने के बाद उसे असुरक्षित करार दिया गया.
डॉ. लेबोट जोर देकर कहते हैं कि अगर इसे ठीक से तैयार किया जाता है यानी जब सूखी जड़ को एक पेस्ट में बदलकर पानी के साथ मिलाया जाता है तो यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है.
वानुआतु में कावा उद्योग को पेशेवर बनाने में एक बड़ी समस्या जो सामने आ रही है वो यह है कि इसकी खेती एड-हॉक आधार पर की जाती है.
एक कावा प्रशंसक, डैन मैकग्रेरी जोकि एक कैनेडियन है और स्थानीय समाचार पत्र चलाते हैं उन्होंने बताया, "पेंटेकोस्ट द्वीप, जहां बहुत अधिक सप्लाई होती है, वहां लोगों के पास खेती के लिए अधिक साधन नहीं हैं."
उनका कहना है कि पड़ोसी फिजी में हाल ही में एक चक्रवात के बाद वानुआतु में भी सप्लाई की मांग और कावा की कीमतें बढ़ गई हैं.
उनका कहना है, "कावा की लोकप्रियता ने यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव डाला है."
लेकिन मैकग्रेरी यह भी बताते हैं कि इससे बड़े उत्पादकों ने कीमत को नियंत्रित करने की कोशिश की है.
वानुआतु के एक सामुदायिक नेता ऐनु पकोआ भी इसके बारे में चिंता जताते हुए कहते हैं, "कहीं-कहीं स्थिति इतनी ख़राब हो गयी है कि कावा परिवारों को खत्म कर रहा है. महिलाएं भी इसे बहुत अधिक पी रही हैं और कुछ कावा बार वेश्यावृत्ति के केन्द्र बन गए हैं. इसका ज़्यादा सेवन सुस्ती और शुष्क त्वचा का कारण भी बनता है और जब लोग इसे बहुत अधिक पीते हैं तो वे अपने अंगों के उपयोग की क्षमता को खो सकते हैं.
पकोआ कहती हैं कि ऐसे भी उदाहरण हैं जहां परिवारों ने बच्चों को कावा पीने के लिए लावारिस छोड़ दिया है. पकोआ कहती हैं, "बढ़ते प्रयोग के चलते कावा अब समस्याओं का कारण बन रहा है. "
कावा पर आयात प्रतिबंधों को ढीला करने के ऑस्ट्रेलियाई सरकार के हालिया कदमों के साथ कई वानुआतु फार्म ने उत्पादन को बढ़ाना शुरू कर दिया है.
निकोल परालियु हमें उस फार्म को दिखाती है जिसका वह प्रबंधन खुद करती है. ज़मीन का एक ऐसा हिस्सा जो चारों ओर से घने जगलों से घिरा हुआ है. इस फार्म में मुख्य रूप से चंदन का उत्पादन किया जाता था लेकिन हाल ही में कावा की फसल ही उगाना शुरू कर दिया है. परालियु कहती हैं कि इस तरह के फार्म से स्थानीय आबादी के लिए आय प्रदान करने की क्षमता है.
वह कहती हैं "लोग विदेशों में काम की तलाश में जाने के बजाय इन्हीं द्वीपों पर रह सकते हैं."
जब उनसे पूछा गया है कि क्या उन्होंने कभी कावा पीने की कोशिश की है? तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया, "नहीं, एक बार भी नहीं".

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